वाट डारइ कि बेरिया चलउ हो चली
पाँच सालन म फिरि ऐस मौका मिली
वाट डारइ कि बेरिया चलउ हो चली
घर ते निकरउ चुनउ नीक प्रतिनिधि अपन
कामु आवइ तुमारे करइ जो जतन
घर मा बैठे ति कुछु काम अब ना चली
वाट डारइ कि बेरिया चलउ हो चली
भ्रष्ट लोगन ते चोरन ते दूरिय रहेउ
नीक मनई मिलइ वाट वहिका दियेउ
वाट तुमरइ करी सबकी हालति भली
वाट डारइ कि बेरिया चलउ हो चली
वाट मां जान है देश की शान है
यहिका बेंचेउ नहीं पुन्नि का काम है
चलउ हमहूं चली सबका लइके चली
वाट डारइ कि बेरिया चलउ हो चली
अशोक मिश्र