वागीश्वरी सवैया
वागीश्वरी सवैया -(यगण×7+ लघु गुरु)
1)
कृपा ये करो मातु वागीश्वरी छंद का पूर्ण ज्ञानी बना दो मुझे।
मिले ज्ञान जो भी रहूँ बाँटता माँ नया एक दानी बना दो मुझे।
पढ़ें ध्यान से नित्य ज्ञानी मनीषी रसीली कहानी बना दो मुझे।
बुझे प्यास सारी बनें भाव गंगा खरा स्वच्छ पानी बना दो मुझे।
2)
निखारें सजाएँ न नारे लगाएँ मही सुष्ठु आओ बनाते रहें।
बची ये रहेगी धरा प्राणदात्री सभी गंदगी को मिटाते रहें।
न संसाधनों को करें नष्ट देखो इन्हें तो सदा ही बचाते रहें।
नई पीढ़ियों को सदा कर्म से ये नया मार्ग सीधा दिखाते रहें।।
डॉ.बिपिन पाण्डेय