वाकया
खुले केश अधरों पर लाली/शोभित बिंदी माथे पर,
बंजर जमीं पर मुद्दतों बाद/बारिश आयी हो जैसे!
पीली साड़ी श्वेत बदन का/कर रहे बखूबी थे श्रृंगार,
नाक पे गुस्सा तीखी नजर/कयामत लायी हो जैसे!
चूड़ी लाल हिना के संग/हाथों का मचलना अच्छा लगा,
पाँव में पायल और घुँघरू/प्यार की धुन बजायी हो जैसे!
उसके कंधे पर हाथ रखा/जब ‘अजनबी’ दिल सहम गया,
स्टेशन पर वो लगा विदा/पिया को करने आयी हो जैसे!