वह है बहन।
वह है बहन”
भाई की शरारतों पर,
विचार न करे गहन,
वह है बहन।
मोटी बोलो,
छोटी बोलो,
चुटकी काटों,
चोटी खींचो,
मुस्करा के टाल जाती
सब कर लेती सहन।
वह है बहन।
प्यार से दुलराती,
बाल सहलाती,
रूठो तो मनाती,
खाना खिलाती,
भाई के लिये माँ आगे,
अपनी खुशी करे रेहन।
वह है बहन।
राखी पर टीका लगाती
लंबी आयु की दुआ मनाती।
जब भी भैया दूज आये,
राह के कांटे हटाये।
भाई की खुशी
संजों के रखती जेहन।
वह है बहन।