वह सिर्फ तू है
कल को अगर नहीं रहे,
हम दोनों के बीच प्यार,
या फिर बन जाये दोनों के संवाद,
कल को एक रणक्षेत्र।
टूट जाये अगर कल को,
हम दोनों के बीच के रिश्तें,
जो आज है इतने मजबूत,
मत देना इसका दोष तू मुझे।
क्योंकि अगर मेरे जीवन में,
मैंने किसी से सच्चा प्यार किया है,
और इस दुनिया में अगर,
मैंने किसी को सच्चे दिल से चाहा है।
अगर किसी के लिए मेरे मन में,
सच्ची और सही भावना जागी है,
या फिर करता हूँ प्रार्थना ईश्वर से,
जिसके लिए मैं हरवक्त।
जिसकी खुशियों को स्वप्न मानकर,
जी रहा हूँ मैं यह जिंदगी,
अगर किसी का नाम आया है आज तक,
मेरे इन लबों पर बार बार।
इतराता हूँ जिस पर मैं बहुत ही,
और लिखता हूँ जिसके नाम पर नगमें,
वह कोई और नहीं है,
वह सिर्फ तू है, सिर्फ तू है।
शिक्षक एवं साहित्यकार
गुरुदीन वर्मा उर्फ़ जी.आज़ाद
तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान)