वह मनुष्य नही हो सकता ॽ
जो किसी की गर्दन काट, सकता है।वह सच्चे अर्थों में मनुष्य नही हो सकता है। अपने पेट की खातिर, किसी की बलि चढ़ाता है।वह सच्चे अर्थों में धर्मी नही हो सकता है।जो जीवों में भगवान नही तलाश सकता है।वह सच्चे अर्थों में भक्त नही हो सकता है।जो दूसरों की खुशी छीन कर , अपनी खुशी बनाता है।वह सच्चे अर्थों में उपकारी नहीं हो सकता है।जो गाय को माता नही मान सकता है।वह सच्चे अर्थों में किसी का बेटा नही हो सकता है।