वही कल तुमको पाना है
मेरे आँगन की चिड़िया, तुम
उड़ परदेश जाना है ,
पिया के देश जाना है।
बाबुल का ये आँगन भी
सदा देखेगा राह तेरी
मिले जब वक्त मेरी लाड़ो,
समेटे खुशियां आँचल में,
पिया के संग आना है।
दुआ मॉ-बाबा की तेरे,
रहो वहाँ लाड़ली सबकी।
नये मॉ-बाप की सेवा कर,
तुम्हें वहाँ फर्ज़ निभाना है।
मिलें वहां ननद व देवर,
बहन-भाई सरीखे हों ।
यत्न से मिल के संग रहना,
तो खुशियों का खजा़ना है।
पति-पत्नि का है बंधन,
ये कुछ पल का नहीं होता
सुख-दुख बाँटना पिय के,
उम्र-भर साथ रहना है।
बडों को आदर-भाव जो दोगी,
होगी गरिमामयी तुम ही।
प्रेम की भागीरथी बन कर,
सरस गंगा बहाना है ।
कभी जब हो कसैला मन,
किसी की बात से ,बेटी,
भूला के कडवी बातों को,
रिश्तों को निभाना है।
वहां जैसा करोगी तुम,
यहां भी तेरी भाभी है।
बूढे मॉ-बाप हैं तेरे ,
ये रिश्ता ही निमाना है।(नाजुक)
अभी हो तुम बहु घर की,
कल मॉ-सास भी बनना है।
मांन ससुर-सास को दोगी,
वही कल तुमको पाना है।
————–राजश्री———-