Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
20 Jun 2024 · 1 min read

वस्तुएं महंगी नही आप गरीब है जैसे ही आपकी आय बढ़ेगी आपको हर

वस्तुएं महंगी नही आप गरीब है जैसे ही आपकी आय बढ़ेगी आपको हर वस्तुएं सस्ती नजर आने लगेगी ।

अगर आपको कोई वस्तु महंगी लगती है तो इसका मतलब आप गरीब है प्रति माह आपकी आय बहुत कम है, एक अमेरिकी नागरिक को भारत में हर वस्तु सस्ती लगती है क्योंकि वहां की मुद्रा अर्थव्यवस्था और प्रधौगिकी भारत की अपेक्षा मजबूत है।
RJ Anand Prajapati

57 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
प्याली से चाय हो की ,
प्याली से चाय हो की ,
sushil sarna
कई मौसम गुज़र गये तेरे इंतज़ार में।
कई मौसम गुज़र गये तेरे इंतज़ार में।
Phool gufran
जो उसने दर्द झेला जानता है।
जो उसने दर्द झेला जानता है।
सत्य कुमार प्रेमी
वापस लौट आते हैं मेरे कदम
वापस लौट आते हैं मेरे कदम
gurudeenverma198
जीत मुश्किल नहीं
जीत मुश्किल नहीं
Surinder blackpen
EVERYTHING HAPPENS AS IT SHOULD
EVERYTHING HAPPENS AS IT SHOULD
पूर्वार्थ
*नयन  में नजर  आती हया है*
*नयन में नजर आती हया है*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
आखिर क्यूं?
आखिर क्यूं?
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
परो को खोल उड़ने को कहा था तुमसे
परो को खोल उड़ने को कहा था तुमसे
ruby kumari
मेरे अल्फाज़
मेरे अल्फाज़
Dr fauzia Naseem shad
Dr Arun Kumar shastri
Dr Arun Kumar shastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
दोस्ती
दोस्ती
Neeraj Agarwal
तुम नहीं बदले___
तुम नहीं बदले___
Rajesh vyas
किस्मत भी न जाने क्यों...
किस्मत भी न जाने क्यों...
डॉ.सीमा अग्रवाल
मोहब्बत की राहों मे चलना सिखाये कोई।
मोहब्बत की राहों मे चलना सिखाये कोई।
Rajendra Kushwaha
"वो जमाना"
Dr. Kishan tandon kranti
*कुंडलिया छंद*
*कुंडलिया छंद*
आर.एस. 'प्रीतम'
सूर्य देव
सूर्य देव
Bodhisatva kastooriya
जब तक हम जीवित रहते हैं तो हम सबसे डरते हैं
जब तक हम जीवित रहते हैं तो हम सबसे डरते हैं
Sonam Puneet Dubey
जिन स्वप्नों में जीना चाही
जिन स्वप्नों में जीना चाही
Indu Singh
धर्म और विडम्बना
धर्म और विडम्बना
Mahender Singh
.
.
*प्रणय प्रभात*
मां
मां
Lovi Mishra
मेरी खूबसूरती बदन के ऊपर नहीं,
मेरी खूबसूरती बदन के ऊपर नहीं,
ओसमणी साहू 'ओश'
राधा कृष्ण
राधा कृष्ण
रुपेश कुमार
2659.*पूर्णिका*
2659.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
*जब जन्म लिया तो मरना है, मरने से कैसा घबराना (राधेश्यामी छं
*जब जन्म लिया तो मरना है, मरने से कैसा घबराना (राधेश्यामी छं
Ravi Prakash
किया पोषित जिन्होंने, प्रेम का वरदान देकर,
किया पोषित जिन्होंने, प्रेम का वरदान देकर,
Ravi Yadav
चिरैया पूछेंगी एक दिन
चिरैया पूछेंगी एक दिन
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
जला दो दीपक कर दो रौशनी
जला दो दीपक कर दो रौशनी
Sandeep Kumar
Loading...