वसुधैव कुटुंबकम्
G-20 Summit
जब एक बार शंखनाद कर दिया है हमने
हमारे सिद्धांतों का एक नया आकार होगा
हमारी पहल से ही अब वैश्विक दुनिया में
भारत का सम्मान से सर्वत्र जयकार होगा
हमारा मूल वसुधैव कुटुंबकम् का मंत्र तो
अभी सम्पूर्ण दुनिया में ही छा रहा है
अतिथि देवो भव: के हमारे भाव को तो
उत्साहित होकर अभी पूरा देश गा रहा है
एक पृथ्वी एक परिवार एक भविष्य हो
हम मिलकर रखेंगे बेहतर विश्व की नींव
संरक्षण सद्भाव और उम्मीद की बातों से
लाभान्वित निश्चित होगा हर मानव जीव
मंडपम के मुख्य द्वार पर नटराज का अद्भुत
अलौकिक सौन्दर्य अभी सबको भा रहा है
हमारे पारंपरिक पुरातन धरोहर का महत्व है
इसकी समझ धीरे-धीरे सभी को आ रहा है
इसी बहाने से फिर हमने पूरी दुनिया को
अपनी गौरवशाली गाथा का ज्ञान कराया है
अपने देश की प्राचीन विशिष्टताओं पर
हमने अब पूरी दुनिया का ध्यान दिलाया है
हमें कभी भी केवल अपनी ही नहीं रही है
हर हमेशा पूरे विश्व की चिंता रहती है
सम्पूर्ण जगत में हो सब मानव का कल्याण
ये बात हम नहीं हमारी आत्मा भी कहती है