— पति पत्नी का रिश्ता —
जीवन में सारे रिश्ते
कदम कदम पर खत्म हो जाते हैं
एक रिश्ता है पति पत्नी का
जिस को कोई शायद खत्म कर पाए !!
दुःख हो या सुख हो
साथ शायद ही छूटता हो इनका
रूखा सूखा मिल बाँट के खा लेते
यही तो है सार जीवन का !!
बचपन का दौर न जाने कहाँ गुजरा
जवानी में बन के जीवन साथी साथ चले
प्यार से सींचा अपने घर को
खिलने लगे आँगन फुलवार से !!
हुए बच्चे , बड़े वो होने लगे
पढ़ लिख कर सब खूद को खोने लगे
भूल जाती आज की युवा माँ बाप के एहसान
अपनी मस्ती में वो सब खोने लगे !!
जीवन का अंतिम दौर पास आने लगा
न जाने क्या क्या ख्याल आने लगा
बिताया हुआ लम्बा वक्त , जैसे
पल भर में सब कुछ खोने लगा !!
न जाने पहले कौन बिछड़ जाए
यह सोच के मन मदहोश होने लगे
आँख बंद होने में लगता एक पल
उस पल में होश सब खोने लगे !!
कितना पावन बनाया रिश्ता पति पत्नी का
प्यार में ही वक्त बिताने लगे
हुई रात, चल दिए दोनों सोने
सुबह देखा लोग उनकी अर्थी सजाने लगे !!
अजीत कुमार तलवार
मेरठ