वसन्ततिलका छन्द
[ 10/09/2020]
वसन्ततिलका छन्द, प्रथम प्रयास
221 211 121 121 22
श्रीराम जी खुश प्रजाजन आपकी है ।
देखे नहीं दुखित आदत रामकी है ।
ये राम राज्य सबके मन भावती है ।
है पुण्य भू अवध की तन तारती है ।
[ 10/09/2020]
वसन्ततिलका छन्द, प्रथम प्रयास
221 211 121 121 22
श्रीराम जी खुश प्रजाजन आपकी है ।
देखे नहीं दुखित आदत रामकी है ।
ये राम राज्य सबके मन भावती है ।
है पुण्य भू अवध की तन तारती है ।