वसंत पंचमी
वसंत पञ्चमी
माँ सरस्वती का दिन
स्मरण रहे पल छिन।
कहता वसंत पंचमी का दिन,
मनुष्य न रहे ज्ञान बिन ।
अज्ञान से जब मन हो मलिन
तब ज्ञानदीप करे मार्ग प्रशस्त।
माँ सरस्वती की कृपा बिन,
कोई न बन पाए सिद्धहस्त ।
ऋतुराज सर्व हेतु लाए सुदिन,
प्रकृति नवरूप धरती प्रतिदिन।
पीली-धानी चुनर गई मिल,
हृदय प्रसन्नता से गया खिल।
प्रकृति व माँ के संयोग का दिन
करता, अन्य दिनों से भिन्न।
माँ सरस्वती का दिन
स्मरण रहे पल छिन ।
– डॉ० उपासना पाण्डेय