वसंततिलका छन्द
वर्णिक मापनी- गागाल गालल लगाल लगाल गागा (14 वर्ण)
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पिंगल सूत्र- त भ ज ज ग ग
ध्रुव शब्द- “हाला” (छन्द में कहीं भी आ सकता है)
“वसंततिलका छन्द”
वर्णिक मापनी- गागाल गालल लगाल लगाल गागा (14 वर्ण)
त्यागो पिया जी सुख बाधक क्रोध हाला।
चाहे हिया जी मुख मादक मोद प्याला।।
प्यारे लगें मोहन मोहित प्रेम बैना।
लाई उमंगे मन भावन संग रैना।।
नीलम शर्मा ✍️