Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
18 May 2021 · 1 min read

वर्षागमन

वर्षागमन
//दिनेश एल० “जैहिंद”

गर्मी के दिन बीत जाते हैं,,
बारिश के दिन तब आते हैं।
प्यासी धरती प्यास बुझाती,,
चहुँ ओर हरियाली लहराती।।

उमड़-घुमड़ कर आते हैं,,
गरज-गरज कर चौकाते हैं।
शीतल बूँदों से नहलाते हैं,,
जग में बरसात कहलाते हैं।।

सन-सन हवा मचलती है,,
मर्र-मर्र पत्तियाँ डोलती हैं।
कलकल, छलछल, हरहर,,
मतवाली नदियाँ बहती हैं।।

दादुर, झींगुर, चातक बोले,,
बुलबुल, पपीहा, मोर डोले।
ठहर-ठहरके बिजली चमके,,
आसमान भी रह-रह दमके।।

खेतों में साजन दिन गँवाये,,
विरहिनी विरह में कुम्हलाये।
थका तन खाट में ढह जाये,,
मन के भेद मन में रह जाये।।

रिम-झिम बूँदें गिरती हैं,,
झम-झम बौछारें पड़ती हैं।
प्रीत को नव यौवना तरसे,,
झरझर नेत्रों से बरसा बरसे।।

===============
दिनेश एल० “जैहिंद”
जयथर, मशरक, छपरा

4 Likes · 8 Comments · 1252 Views

You may also like these posts

Finding the Right Help with College Homework
Finding the Right Help with College Homework
Myassignmenthelp
2942.*पूर्णिका*
2942.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
"" *गणतंत्र दिवस* "" ( *26 जनवरी* )
सुनीलानंद महंत
गज़ल
गज़ल
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
कातिल उसकी हर अदा,
कातिल उसकी हर अदा,
sushil sarna
मुझे ढूंढते ढूंढते थक गई है तन्हाइयां मेरी,
मुझे ढूंढते ढूंढते थक गई है तन्हाइयां मेरी,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
நீ இல்லை
நீ இல்லை
Otteri Selvakumar
नई कली
नई कली
शिवम राव मणि
कुछ तो बाकी है !
कुछ तो बाकी है !
Akash Yadav
नज़्म - चांद हथेली में
नज़्म - चांद हथेली में
Awadhesh Singh
खुशी पाने का जरिया दौलत हो नहीं सकता
खुशी पाने का जरिया दौलत हो नहीं सकता
नूरफातिमा खातून नूरी
ममतामयी माँ
ममतामयी माँ
Pushpa Tiwari
Empty pocket
Empty pocket
Bidyadhar Mantry
ज़िंदगी मोजिज़ा नहीं
ज़िंदगी मोजिज़ा नहीं
Dr fauzia Naseem shad
आग कहीं और लगी है
आग कहीं और लगी है
Sonam Puneet Dubey
वो
वो
Sanjay ' शून्य'
तुम
तुम
अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’
भीष्म के उत्तरायण
भीष्म के उत्तरायण
Shaily
असीम सृष्टि
असीम सृष्टि
Meenakshi Madhur
गीत- नशा देता मज़ा पहले...
गीत- नशा देता मज़ा पहले...
आर.एस. 'प्रीतम'
नकाब खुशी का
नकाब खुशी का
Namita Gupta
आईना बोला मुझसे
आईना बोला मुझसे
Kanchan Advaita
हिन्दी पढ़ लो -'प्यासा'
हिन्दी पढ़ लो -'प्यासा'
Vijay kumar Pandey
कुछ बीते हुए पल -बीते हुए लोग जब कुछ बीती बातें
कुछ बीते हुए पल -बीते हुए लोग जब कुछ बीती बातें
Atul "Krishn"
"परिवर्तनशीलता"
Dr. Kishan tandon kranti
■नापाक सौगात■
■नापाक सौगात■
*प्रणय*
वर्ण पिरामिड
वर्ण पिरामिड
Rambali Mishra
कामनाओं का चक्रव्यूह, प्रतिफल चलता रहता है
कामनाओं का चक्रव्यूह, प्रतिफल चलता रहता है
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
यार मेरा
यार मेरा
ओसमणी साहू 'ओश'
भारत का लाल
भारत का लाल
Aman Sinha
Loading...