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9 Dec 2022 · 1 min read

वर्तमान

बहुत सरल है
वर्तमान में रहना
किन्तु जैसे सरल रेखा में
कठिन वक्र रेखा
नहीं ढल पाती
हमारा कठिन मन भी
वर्तमान में नहीं टिक पाता ।
अतीत भविष्य के पाटों में
झूलता मन
वर्तमान को दबा देता है ।
ये दबा हुआ वर्तमान
अपनी टीस धकेल देता है
कुछ अतीत को
तो कुछ भविष्य को |
बस पूरा जीवन हम
यही टीस ढोते रहते है
और नित वर्तमान
बस पिसता ही रहता है।
आओ कुछ सरल बने
बस आज को जिएं
तन्मयता से घुल जाएं आज में
जैसे बस आज ही जीवन
फिर सब सुभग हो जाएगा ।

7 Likes · 4 Comments · 199 Views
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