वर्ण पिरामिड
हो
रहा
दूषित
सब कुछ
नीर समीर
बढ़ रही पीर
मन हुआ अधीर।
भू
व्योम
पवन
जल धार
इन्हें सुधार
भर प्रदूषण
मत कर बेकार।
हो
रहा
दूषित
सब कुछ
नीर समीर
बढ़ रही पीर
मन हुआ अधीर।
भू
व्योम
पवन
जल धार
इन्हें सुधार
भर प्रदूषण
मत कर बेकार।