*वरिष्ठ नागरिक (हास्य कुंडलिया)*
वरिष्ठ नागरिक (हास्य कुंडलिया)
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खाते – पीते हो गए , जो भी पूरे साठ
अब वरिष्ठ कहला रहे ,देते सबको पाठ
देते सबको पाठ , श्वेत बालों की माया
मिलता आसन उच्च ,नाम बूढ़ों में आया
कहते रवि कविराय ,साठ जो होकर जीते
पाते हैं सम्मान , शान से खाते – पीते
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रचयिता : रवि प्रकाश ,बाजार सर्राफा
रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 999761 5451