Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
21 May 2021 · 1 min read

वरदान

क्यूँ मांगते वरदान हो परिस्थितियां सदा अनुकूल हो
चलना हमारा काम है गली में कांटे हो या फूल हो

Language: Hindi
Tag: शेर
1 Like · 1 Comment · 284 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
संघर्ष ,संघर्ष, संघर्ष करना!
संघर्ष ,संघर्ष, संघर्ष करना!
Buddha Prakash
*माँ कटार-संग लाई हैं* *(घनाक्षरी : सिंह विलोकित छंद )*
*माँ कटार-संग लाई हैं* *(घनाक्षरी : सिंह विलोकित छंद )*
Ravi Prakash
👰🏾‍♀कजरेली👰🏾‍♀
👰🏾‍♀कजरेली👰🏾‍♀
सुरेश अजगल्ले 'इन्द्र '
वैज्ञानिक युग और धर्म का बोलबाला/ आनंद प्रवीण
वैज्ञानिक युग और धर्म का बोलबाला/ आनंद प्रवीण
आनंद प्रवीण
*मूर्तिकार के अमूर्त भाव जब,
*मूर्तिकार के अमूर्त भाव जब,
सत्यम प्रकाश 'ऋतुपर्ण'
" बोलती आँखें सदा "
भगवती प्रसाद व्यास " नीरद "
संवेदना जगी तो .. . ....
संवेदना जगी तो .. . ....
Dr.Pratibha Prakash
Dr Arun Kumar shastri
Dr Arun Kumar shastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
धोखा मिला है अपनो से, तो तन्हाई से क्या डरना l
धोखा मिला है अपनो से, तो तन्हाई से क्या डरना l
Shyamsingh Lodhi (Tejpuriya)
मेरा भारत
मेरा भारत
डॉक्टर वासिफ़ काज़ी
*घर*
*घर*
Dushyant Kumar
मुझे अंदाज़ है
मुझे अंदाज़ है
हिमांशु Kulshrestha
कई बात अभी बाकी है
कई बात अभी बाकी है
Aman Sinha
रूप कुदरत का
रूप कुदरत का
surenderpal vaidya
गहरी हो बुनियादी जिसकी
गहरी हो बुनियादी जिसकी
कवि दीपक बवेजा
स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं
स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं
Dr Archana Gupta
तुम याद आ रहे हो।
तुम याद आ रहे हो।
Taj Mohammad
आज फिर इन आँखों में आँसू क्यों हैं
आज फिर इन आँखों में आँसू क्यों हैं
VINOD CHAUHAN
सुस्ता लीजिये थोड़ा
सुस्ता लीजिये थोड़ा
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
वक़्त के शायरों से एक अपील
वक़्त के शायरों से एक अपील
Shekhar Chandra Mitra
शिक़ायत (एक ग़ज़ल)
शिक़ायत (एक ग़ज़ल)
Vinit kumar
सभी नेतागण आज कल ,
सभी नेतागण आज कल ,
ओनिका सेतिया 'अनु '
संस्कारों और वीरों की धरा...!!!!
संस्कारों और वीरों की धरा...!!!!
Jyoti Khari
प्रेम
प्रेम
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
जीवन सुंदर गात
जीवन सुंदर गात
Kaushlendra Singh Lodhi Kaushal
2271.
2271.
Dr.Khedu Bharti
कैसा कोलाहल यह जारी है....?
कैसा कोलाहल यह जारी है....?
पाण्डेय चिदानन्द "चिद्रूप"
महिलाएं जितना तेजी से रो सकती है उतना ही तेजी से अपने भावनाओ
महिलाएं जितना तेजी से रो सकती है उतना ही तेजी से अपने भावनाओ
Rj Anand Prajapati
*अपना अंतस*
*अपना अंतस*
Rambali Mishra
पिता
पिता
Dr Parveen Thakur
Loading...