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28 Apr 2019 · 1 min read

वन गांव की जीवन

वन गांव की जीवन
देखो जी यहां की निराली शान।
गांव में इनकी हैअलग पहचान।
काले सावले इनके रंग,
कपड़े पहने है रंग बिरंग।
यहां का वन देखो,
लोगो की भोलेपन देखो।
शिक्षा स्वास्थ्य से कोसों दूर।
क्या करेंगे ये लोग है मजबुर।
झूला की लो मजा ,
जीवन मे नहीं कोई सजा।
मिट्टी के है मेरा घर,
यही है मेरा सुंदर शहर।
############################
रचनाकार कवि डीजेन्द्र क़ुर्रे “कोहिनूर”
पीपरभवना, बिलाईगढ़, बलौदाबाजार (छ. ग.)
‌8120587822

Language: Hindi
1 Like · 549 Views
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