वन्दना (मां शारदे)
#विषय:- सरस्वती वन्दना
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मेरी शारदे मां! हे मेरी शारदे मां!
तुझे शत नमन है मसि कलम धार दे मां!
हे पद्मासना पद्म निलया भवानी
जगत्वन्द्य शुभ्रा सुहृदया शिवानी
रचूं काव्य ऐसा ये जगत् प्यार दे मां!
मेरी शारदे मां! हे मेरी शारदे मां!
कच्छपी हस्त राजित सुमंत्रित सुपूजित
अधर मध्य तेरे मंत्र वेदों के गुंजित
तू निज ज्ञान से भव को भय पार दे मां!
मेरी शारदे मां! हे मेरी शारदे मां!
हे सुपूज्या सुरम्या सुशीला सुभव्या
सुनंदा सुसौम्या सुभाग्या सुदिव्या
हो सुखद काव्य यात्रा जग हृदय हार दे मां!
मेरी शारदे मां!हे मेरी शारदे मां!
स्वरचित, स्वप्रमाणित, अप्रकाशित
पं.आशीष अविरल चतुर्वेदी “रसराज”
प्रयागराज (उत्तर प्रदेश)