*वनवास हो या राजपद, जिनको सदैव समान है (मुक्तक)*
वनवास हो या राजपद, जिनको सदैव समान है (मुक्तक)
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वनवास हो या राजपद, जिनको सदैव समान है
कर्तव्य राजा का रहा, मन में हमेशा ध्यान है
जो सिंधु पर पुल बॉंधकर, लड़ने दशानन आ गए
तू धन्य जिह्वा कर रही, उन राम का गुणगान है
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रचयिता : रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर, उत्तर प्रदेश
मोबाइल 99976 15451