[[ वतन के लिए सर कटाने चले हैं ]]
वतन के लिए सर कटाने चले हैं ,!
सभी फ़र्ज अपना निभाने चले हैं ,!! १
वतन है हमारा हमारा रहेगा ,!
तिरंगे पे जां तक लुटाने चले हैं ,!! २
हुई आज पैनी नजर दुश्मनों की ,!
निगाहे सभी से चुराने चले हैं ,!! ३
वतन के लिए अब मिटाना है ख़ुद को ,!
यही पुण्य हम भी कमाने चले है ,!! ४
लुटाना है सबकुछ वतन के लिए अब ,!
अमन चैन हम भी बढ़ाने चले हैं ,!! ५
लिखी है इबादत लहू से वतन क़ी ,!
कलम को हकीकत बताने चले हैं ,!! ६
तमन्ना लिए सरफ़रोशी की दिल में ,!
कफ़न बांध कर के दिवाने चले हैं ,!! ७
हमे तो नही है किसी से शिक़ायत ,!
कदम से कदम हम मिलाने चले है ,!! ८
Nitin sharma