वतन के दिलवाले (कुकुभ छन्द)
अमन नहीं केसर घाटी में,आतंक जड़ से मिटाओं l
कश्मीरी पत्थरबाजो को,कोई तो सबक सिखाओं ll
भारत के इस पुण्य जमीं पर,दुश्मन को पनाह ना दो l
सब मिलके देशद्रोहियों को,चौराहें पर लट का दो ll
जाँ हथेली में रखकर चले,तुम सरहद के रखवाले l
नाज हमें है वीर सैनिकों,तुम्हीं वतन के दिलवाले ll
अद्भुत साहस तेरे अंदर,तुम सीना तान खडे हो l
देश की रक्षा के खातिर तुम,जब तक है जान लडे हो ll
आतंकी के भुजदन्डो’ को,वीरों अब उखाड़ फेकों l
चीन पाक धूर्त सियारों का, गौर से अब चाल देखों ll
स्वांग है चीन की यारी में,मुस्तैद हमें रहना है l
जाति धर्म की लड़ाई छोड़,देश की रक्षा करना है ll
बारिश धूप बर्फ में सैनिक,अपना कर्तव्य निभाया l
उसे मिले यथोचित सम्मान,जिसने भारत महकायाll
हम सैनिकों के अपमान का,पुरजोर विरोध करेंगे l
जाँबाज जवानों को हमसब,भारत के लाल कहेंगे ll
वीर जवानों शौर्य दिखाओं,दुश्मन को धूल चटा दो l
उसने शेरों को ललकारा, उसकी औकात दिखा दो ll
धोखा प्रतिघात न सहना अब,दुश्मन को मार गिराओं l
दुश्मन दल से जीत प्राप्त कर,मिलकर तिरंगा फहराओं ll
देश प्रेम के मतवाले है, भारत का वीर सिपाही l
लिखेंगे कहानी वीरों का, हम है कलम सिपाही ll
भारत की जय जय औ’ हम है,वजूद इन्ही सैनिकों से l
इसकी शहादत विस्मृत न हो,पुष्पित राष्ट्र सैनिकों से
✍रचनाकार :- दुष्यंत कुमार पटेल