वट सावित्री
ज्येष्ठ अमावस काल में,वट सावित्री पर्व।
करती भारत की नारियाँ,जिसपर हमको गर्व।।
व्यापक बहुवर्षीय वट,वृक्ष बहुत है खास।
ब्रह्मा विष्णु महेश का, होता जहाँ निवास।।
हाथ जोड़ विनती करूँ, हे!वट वृक्ष महान।
दीर्घ आयु यश शौर्य का,देना पति को दान।।
सौभाग्यवती बनकर जिऊँ,रहे अमर अहिवात।
कष्टों से रक्षा करो,दूर सभी आघात।।
करके पूजन वट-वृक्ष की,बाँधो कच्चा सूत।
रहे दूर पति देव से, आये जो यमदूत।।
विधिवत वट की परिक्रमा,करें एक सौ आठ।
पति की लंबी आयु हो,बने रहे सब ठाठ।।
वट सावित्री पूजते, पाते अटल सुहाग।
मनोकामना पूर्ण हो,खिले हृदय का बाग।।
धन्य-धन्य हे!भारती,तुम हो कितनी खास।
रखती पति सुख के लिए,निर्जल व्रत उपवास।।
-लक्ष्मी सिंह
नई दिल्ली