वट सावित्री व्रत
कैसा मधुर मिलन हुआ
सावित्री और सत्यवान का।
सदा सुहागन रहो सावित्री
यमराज, को भी कहना पड़ा ।
सुहागिन का है यह अनोखा व्रत,
मिलता सदा सुहागन का वरदान।
प्रकृति और सुहागिन का पवित्र,
मनोहर सा है यह दृश्य।
आम, लीची, और जामुन मौसमी फल,
दिखे बाज़ार में ,आया यह वट वृक्ष पूजन।
वट वृक्ष का पूजन करें
सज -श्रृंगार करके स्त्रियां ।
बारह पूरियां और बारह बरगद फल
वट वृक्ष पर अर्पित करें, सुहागन ।
मोली की सूत को लपेटते हुए
बारह बार बरगद के पेड़ की परिक्रमा।
मां सावित्री और सत्यवान की तरह मांगे
अखण्ड सौभाग्यवती रहने का वरदान।।
गौतम साव