*वट का वृक्ष सदा से सात्विक,फल अद्भुत शुभ दाता (गीत)*
वट का वृक्ष सदा से सात्विक,फल अद्भुत शुभ दाता (गीत)
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वट का वृक्ष सदा से सात्विक,फल अद्भुत शुभ दाता
1
यह विशाल खुद में मानो, परिवार समेटे चलता
इससे जुड़ी हुई पावन, संकल्पों की निर्मलता
स्वर्ग लोक के देवों का, जुड़ता इससे है नाता
2
आयु सहस्त्रों वर्ष वृक्ष वट, धरती पर जीता है
देता है अमरत्व धरा को, जल खुद ही पीता है
इसकी शाखाओं-पत्तों से, नव-जीवन जग पाता
3
काग भुशुंडी इसी वृक्ष के, नीचे कथा सुनाते
इसी वृक्ष के नीचे देखो, जन-मृत जीवन पाते
सत्यवान-सावित्री-यम की, गाथा वृक्ष सुनाता
4
धन्य-धन्य वह भूमि जहॉं, प्रभु वट के वृक्ष उगाते
वट की छाया में प्रज्ञा के, चक्षु आप खुल जाते
धन्य-धन्य वह रीति जहॉं, वट वृक्ष पूज्य कहलाता
वट का वृक्ष सदा से सात्विक, फल अद्भुत शुभ दाता
रचयिता :रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर, उत्तर प्रदेश
मोबाइल 99976 15451