वक्त
वक्त बेरहम बेदर्द
करता मजबूर
अनचाहा करने को
नही करता इंतजार किसी का
नही रूकता किसी के लिए
नही फिक्र किसी की
होता तो है सभी के पास
सही इस्तेमाल नही करते लोग
अभी नही फिर कभी
आज नही कल
यही करते लोग
मै भी इसी मे हूं
चाहता हूं बदलना
गर मिल जाओ तुम
वक्त के साथ चलूंगा
कल नही
आज मे जियूंगा।
स्वरचित
मौलिक
सर्वाधिकार सुरक्षित
अश्वनी कुमार जायसवाल कानपुर