वक्त
वक्त वक्त की बात जग में
कभी दुःख तो कभी खुश
कभी कोई गरीब तो अमीर
बदलते रहता वक्त सर्वथा ।
वक्त वक्त का खेल है आज
जो करता जितना परिश्रम
उसको मिलता उतना फल
ये वक्त हमेशा बदलते रहता ।
मुद्दत कभी भी आपका
रहता है निकृष्ट तो कभी
न होना चाहिए तटस्थ हमें
वक्त बदलते रहता हमेशा ।
अधम वक्त से हमें कभी भी
विचलित, अधीर न होना है,
हेय वक्त में ही हम सबों को
होती अपनों की पहचान है।
अमरेश कुमार वर्मा
जवाहर नवोदय विद्यालय बेगूसराय, बिहार