Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
23 Apr 2020 · 1 min read

वक्त

सिर्फ़ दो ही गवाह थे मेरी वफ़ा के,
एक वक्त,और एक वो,

एक गुज़र गया और एक मुकर गया!!
❤❤

2 Likes · 378 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
स्त्री सबकी चुगली अपने पसंदीदा पुरुष से ज़रूर करती है
स्त्री सबकी चुगली अपने पसंदीदा पुरुष से ज़रूर करती है
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
सही पंथ पर चले जो
सही पंथ पर चले जो
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
"तुम्हें याद करना"
Dr. Kishan tandon kranti
प्रेम अपाहिज ठगा ठगा सा, कली भरोसे की कुम्हलाईं।
प्रेम अपाहिज ठगा ठगा सा, कली भरोसे की कुम्हलाईं।
संजीव शुक्ल 'सचिन'
!..........!
!..........!
शेखर सिंह
आने जाने का
आने जाने का
Dr fauzia Naseem shad
एक मां ने परिवार बनाया
एक मां ने परिवार बनाया
Harminder Kaur
एकता
एकता
Dr. Pradeep Kumar Sharma
जो खत हीर को रांझा जैसे न होंगे।
जो खत हीर को रांझा जैसे न होंगे।
सत्य कुमार प्रेमी
हम करें तो...
हम करें तो...
डॉ.सीमा अग्रवाल
किसने कहा, ज़िन्दगी आंसुओं में हीं कट जायेगी।
किसने कहा, ज़िन्दगी आंसुओं में हीं कट जायेगी।
Manisha Manjari
बोलना , सुनना और समझना । इन तीनों के प्रभाव से व्यक्तित्व मे
बोलना , सुनना और समझना । इन तीनों के प्रभाव से व्यक्तित्व मे
Raju Gajbhiye
ग़ज़ल/नज़्म - दिल में ये हलचलें और है शोर कैसा
ग़ज़ल/नज़्म - दिल में ये हलचलें और है शोर कैसा
अनिल कुमार
विवाह का आधार अगर प्रेम न हो तो वह देह का विक्रय है ~ प्रेमच
विवाह का आधार अगर प्रेम न हो तो वह देह का विक्रय है ~ प्रेमच
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
बेरोजगारी
बेरोजगारी
पंकज कुमार कर्ण
तलाशती रहती हैं
तलाशती रहती हैं
हिमांशु Kulshrestha
शाम
शाम
N manglam
3134.*पूर्णिका*
3134.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
बेवजह कभी कुछ  नहीं होता,
बेवजह कभी कुछ नहीं होता,
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
बेटियां
बेटियां
Nanki Patre
आधुनिक हिन्दुस्तान
आधुनिक हिन्दुस्तान
SURYA PRAKASH SHARMA
विचार
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
राम सीता
राम सीता
Shashi Mahajan
माना मन डरपोक है,
माना मन डरपोक है,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
गर्द चेहरे से अपने हटा लीजिए
गर्द चेहरे से अपने हटा लीजिए
डॉ०छोटेलाल सिंह 'मनमीत'
बरखा रानी तू कयामत है ...
बरखा रानी तू कयामत है ...
ओनिका सेतिया 'अनु '
ग़ज़ल
ग़ज़ल
आर.एस. 'प्रीतम'
🙅आज का शेर🙅
🙅आज का शेर🙅
*प्रणय प्रभात*
मुर्दा समाज
मुर्दा समाज
Rekha Drolia
मुझे क्या मालूम था वह वक्त भी आएगा
मुझे क्या मालूम था वह वक्त भी आएगा
VINOD CHAUHAN
Loading...