वक्त
वक्त की जादूगरी का यूँ हिसाब न लगाओ….
यें ठहरता नहीं.. मगर कईं मुखड़ों सें वाकिफ़ करा देता हैं
छुपाना चाहें जमाना, कितना हीं कुछ
यें वक्त हैं जनाब,
सब कुछ बता देता हैं
रेखा कमलेश कापसे
वक्त की जादूगरी का यूँ हिसाब न लगाओ….
यें ठहरता नहीं.. मगर कईं मुखड़ों सें वाकिफ़ करा देता हैं
छुपाना चाहें जमाना, कितना हीं कुछ
यें वक्त हैं जनाब,
सब कुछ बता देता हैं
रेखा कमलेश कापसे