वक्त से पहले किसे कुछ मिला है भाई
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मदीद मुसम्मन सालिम मख़बून
फ़ाएलातुन फ़इलुन फ़ाएलातुन फ़इलुन
2122 112 2122 112
वक्त से पहले किसे कुछ मिला है भाई
सोच काफिर की मनौती खुदा है भाई
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नेकियाँ काम कभी आएगी कौन कहे
एक निर्धन का निवाला छिना है भाई
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वो मुहब्बत की दुकाने सजाने लगा है
पास उस के सुविधायें हिना है भाई
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खैरियत मान कि तू आजकल जीत रहा
नाप ताबूत तिरे बन रिया है भाई
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माँगने वाला जो तकदीर से है ज्यादा
अब घरो घर वो भटकता फिरा है भाई
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इस हुकूमत ने किया है बिना काम तबाह
बस समझ सोच सियासत किया है भाई
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खुद सजाने पे लगा सोच के इस घर को
जिन्दगी नाम इसी के जिया है भाई
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सुशील यादव
न्यू आदर्श नगर
जोन 1 स्ट्रीट 3 दुर्ग छत्तीसगढ़