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18 May 2024 · 1 min read

वक्त से पहले किसे कुछ मिला है भाई

77….

मदीद मुसम्मन सालिम मख़बून
फ़ाएलातुन फ़इलुन फ़ाएलातुन फ़इलुन
2122 112 2122 112

वक्त से पहले किसे कुछ मिला है भाई
सोच काफिर की मनौती खुदा है भाई
#
नेकियाँ काम कभी आएगी कौन कहे
एक निर्धन का निवाला छिना है भाई
#
वो मुहब्बत की दुकाने सजाने लगा है
पास उस के सुविधायें हिना है भाई
#
खैरियत मान कि तू आजकल जीत रहा
नाप ताबूत तिरे बन रिया है भाई
#
माँगने वाला जो तकदीर से है ज्यादा
अब घरो घर वो भटकता फिरा है भाई
#
इस हुकूमत ने किया है बिना काम तबाह
बस समझ सोच सियासत किया है भाई
#
खुद सजाने पे लगा सोच के इस घर को
जिन्दगी नाम इसी के जिया है भाई
#
सुशील यादव
न्यू आदर्श नगर
जोन 1 स्ट्रीट 3 दुर्ग छत्तीसगढ़

53 Views

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