वक्त ये कैसी इन्साफी
वक्त ये कैसी इन्साफी रिश्ते जाने कहाँ खो गये
जो अब तक बगल वो अब अनजाने से हो गये
उस प्रसूता की भी क्या कहानी जिसके पास कोई नहीं
अभी जहाँ में जो बच्चा आया गोद लेने को कोई नहीं
सोशल डिस्टेंस के देखो आज कितने पैमाने हो गये
जो अब तक बगल वो अब अनजाने से हो गये
लाँकडाउन में सब बन्द कही आना जाना नहीं
एकदूजे का बस चेहरा देखे यारों से बतराना नहीं
इक्कीस दिन में ऐसा लगे देखे बिन जमाने हो गये
जो अब तक बगल वो अब अनजाने से हो गये
मर गया इंजीनियर जब कोई न वारिस था लाश का
सद गति न मिली उसे जो ध्यान रखता हर आस का
लावारिश लाशो के ऐतिहासिकअफसाने हो गये
जो अब तक बगल वो अब अनजाने से हो गये