वक्त यूं बीत रहा
वक्त यूं बीत रहा
जैसे कभी आया ही नहीं
हम इस दुनिया में ऐसे खोए
जैसे कभी जाना ही नहीं
और चले यूं जायेंगे
जैसे कभी आए ही नहीं
गिरना सवराना जिंदगी का खेल है
हमे एक ही जिंदगी मिली है
जायेंगे मजे से
चार लोग क्या कहेंगे
ये चार लोग ही जानें
हम तो मजे कर रहे थे और
मजे करते ही चले जाए
ज़िंदगी भी जुल्म करती है
करती रहे बस अब
वक्त आ रहा
हम भी धीरे से चले जायेंगे
बिना किसी के भनक लगे
-सुधा