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8 Jun 2021 · 1 min read

वक्त यारो ये नहीं तकरार का

गज़ल

2122……..2122………212
वक्त यारो ये नहीं तकरार का!
साथ देना हर समय परिवार का!

वक्त ये भी जायेगा ये तय तो है,
बचके रहना ये समय है हार का!

दूर से नजरें मिलाओ यार से,
पास से मौका नहीं है प्यार का!

इस समय कर्तव्य क्या है सोचिए,
मांगने को ये नहीं अधिकार का!

हो सफीना, पार करना गर नदी,
काम सबसे खास है पतवार का!

सामने या छुप के लड़ना ठीक है,
जिस तरह हारेगा दुश्मन वार का!

एक प्रेमी जानता है ……वक्त कब,
आयेगा फिर मौसमें इजहार का!

……. ✍ प्रेमी
07 जून, 2021

202 Views
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