— वक्त मिलता नहीं।।
वक्त मिलता नहीं
निकला जाता है
हक़ मिलता नहीं दोस्तों
छीना जाता है
कैसे कह दूँ
सारा दिन उलझा रहता हूँ
दिल में तमन्ना हो तो
दिल से कुछ निकाला जाता है
ऐसा कौन है दुनिआ में
जो सारा दिन व्यस्त रहता हो
अपना समझोगे तो उनके लिए
वकत निकाला जा सकता है
अजीत कुमार तलवार
मेरठ