वक्त बेवक्त
खुद को रोज़ पढ़ता हूँ
ज़िन्दगी की किताब मे
देर सबेर चले आते है
यादो के साये में
देखो गुजर रहा है
ज़िन्दगी का यह पन्ना
फिर एक दिन याद आएगा
बेवक्त किसी वक्त पर
– आनन्द्श्री
खुद को रोज़ पढ़ता हूँ
ज़िन्दगी की किताब मे
देर सबेर चले आते है
यादो के साये में
देखो गुजर रहा है
ज़िन्दगी का यह पन्ना
फिर एक दिन याद आएगा
बेवक्त किसी वक्त पर
– आनन्द्श्री