वक्त बदलता रहता है
ऐ जिन्दगी तु क्यों रोता है।
आज जो बुरा वक्त आया है
वह कल टल जाएगा।
यह वक्त कहा एक जगह पर
टिक कर रह पाता है।
यह तो मौसम की भाँति
हर समय बदलता रहता है।
जिस तरह मौसम आते है
जाड़ा गर्मी वंसत और बरसात,
उसी तरह यह वक्त भी
जीवन में बदलाव लाता रहता है।
दर्द गम आँसु और खुशी
इसका रूप कहलाता है।
कभी दर्द का बादल बनकर
हम सब के ऊपर छा जाता है।
कभी गम के रूप मे लेकर
हवा के भाँति आगे पीछे लहराता है।
बनकर कभी बारिश वह
आँखो से टपक जाता है।
कभी वंसत के रूप मे
जीवन मे खुशियाँ लाता है।
यह सब है वक्त का मौसम
तु इससे क्यो घबराता है।
हर मौसम का मजा उठाओ
यही जिन्दगी कहलाता है।
वक्त अपने हर मौसम से
हमें कुछ न कुछ सिखाता है।
इसे खेल समझ कर खेलते जाओ
हार -जीत जीवन मे
आता और जाता रहता है।
इससे तुम मत घबराओं
जीवन का हर वक्त गुजर जाता है।
अनामिका