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27 Feb 2024 · 1 min read

वक्त ने क्या क्या किये सितम।

कैसे कहें कि वक्त ने क्या क्या किये सितम,
अपने हि घर को आज लगे अजनबी से हम।
कहने को राज ए दिल था जरुरी बहुत मगर ,
कहने गए किसी से कह के आए किसी से हम।
है चार दिन कि ज़िंदगी, शिकवा गिला भि क्या,
दो दिन को गम की शाम थी, दो दिन ख़ुशी में हम।
कुछ लोग अपने आप को बनते खुदा रहे,
खुद में खुदा तलाशते फिरते रहे हैं हम।
जीवन कि डोर टूटती, दिखती नहीं कभी,
लुटने को बेकरार है पकडे हुए हैं हम।
कहने को आज जाते हैं फिर उनसे हाले दिल ,
मौके की फिर तलाश में बैठे हुए हैं हम।
कुछ ना सिला मिलेगा मेरी नेकियों के बाद,
दरिया में डाल नेकियाँ खुश हो रहे हैं हम।

Language: Hindi
117 Views
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