वक्त नहीं है
दो घड़ी मुस्कुरा लूं पर वक्त नहीं है
दो घड़ी खिलखिला लूं पर वक्त नहीं है
दो घड़ी मुस्कुरा लूं……….
काम है बहुत से ये जिंदगी दो पल की
पल भर मैं सुस्ता लूं पर वक्त नहीं है
दो घड़ी मुस्कुरा लूं……….
सब्र का फल देखो कहते हैं लोग मीठा
महफ़िल मैं सजा लूं पर वक्त नहीं है
दो घड़ी मुस्कुरा लूं……….
यूं ही रहा कमाता अपनों की जरूरते मैं
अपने लिए कमा लूं पर वक्त नहीं है
दो घड़ी मुस्कुरा लूं……….
रूठा मुकद्दर मेरा मुझसे जन्म जन्म से
रूठा खुदा मना लूं पर वक्त नहीं है
दो घड़ी मुस्कुरा लूं……….
क्या किया है जिंदगी भर लोग पूछते हैं
V9द उन्हें समझा लूं पर वक्त नहीं है
दो घड़ी मुस्कुरा लूं……….