वक्त की तलाश में
यूं हर वक्त खफा हो जाना ठीक नहीं,
मेरा नाम लिख कर के मिटाना ठीक नहीं,
आती हैं कई मुश्किलें राह –ए – इश्क में,
यूं ज़रा सी ठोकर से घबराना ठीक नहीं।
गर खफा हैं चंद लोग तो होने दो,
यूं हर किसी को मनाना ठीक नहीं।
चलोगे राह में तो कांटे भी आयेंगे और फूल भी,
यूं घबरा कर वापस लौट जाना ठीक नहीं।
कुछ लोग हर वक्त रहते हैं वक्त की तलाश में,
दुश्मन भी घूमते हैं आजकल अपनों के लिबास में,
तलाश करते हैं वो हमारी छोटी सी चूक की,
फिर कहानियां बनाएंगे अपने अंदाज में,
रख जीतने की हिम्मत हारेंगी मुश्किलें,
यूं ज़रा सी बात पर टूट जाना ठीक नहीं।
© बदनाम बनारसी
01/04/2021