वक्त और शौर्य
वक्त और शौर्य
ऐ अनल, बरसाओ अंगार मुझ पर,
तनिक भी मत रहम कर मुझ पर
पर हे अग्निदेव,दे एक ऐसा चादर
जिसे ओढ़कर तनिक जल सकें न हम।
हे रुद्र, लाओ आँधियाँ और तूफान जी भर
रखो कोई कोर-कसर बाकी न मुझपर
पर हे वायुदेव, दो वह अटल शक्ति मुझको
जिसे जकड़ तनिक उखड़ सकें न हम।
हे इंद्र, बरसाओ जलधारा प्रचंड तू
रोको नहीं वेग अपना एक क्षण भी तू
पर हे गोवर्धनधारी, दो वह पर्वत मुझे भी
जिससे संकट की बारिस में भींग सकें न हम।
आकाश, तू भी अपनी सीमा तोड़ ही दे,
दुख के झंझावातों से जीवन हौंड ही दे ।
पर हे वरुण, दे साहस और विश्वास इतना
कि सितारों की तरह चमकना भूल सकें न हम।
हे वक्त, ले लो परीक्षा चाहे जितनी कठिन,
चीरकर अंधकार दिखाऊंगा सत्य एक दिन।
मत हंसना मुझ पर इतना निर्लज्ज होकर भी
कि तेरी ही नेकी को भूल बैठें कहीं न हम।