Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
15 Jul 2024 · 1 min read

वक़्त को वक़्त ही

वक़्त का इंतज़ार कर लेना,
वक़्त को वक़त ही बदलता है।
डाॅ फौज़िया नसीम शाद

Language: Hindi
Tag: शेर
5 Likes · 127 Views
Books from Dr fauzia Naseem shad
View all

You may also like these posts

न जाने  कितनी उम्मीदें  मर गईं  मेरे अन्दर
न जाने कितनी उम्मीदें मर गईं मेरे अन्दर
इशरत हिदायत ख़ान
मुक्तक
मुक्तक
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
तन, मन, धन
तन, मन, धन
Sonam Puneet Dubey
बुंदेली दोहा प्रतियोगिता-168दिनांक-15-6-2024 के दोहे
बुंदेली दोहा प्रतियोगिता-168दिनांक-15-6-2024 के दोहे
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
9. पहचान
9. पहचान
Lalni Bhardwaj
सभी जीव-जन्तुओं का आश्रय स्थल :- जंगल
सभी जीव-जन्तुओं का आश्रय स्थल :- जंगल
Mahender Singh
आसमां में चांद प्यारा देखिए।
आसमां में चांद प्यारा देखिए।
सत्य कुमार प्रेमी
संसार में कोई किसी का नही, सब अपने ही स्वार्थ के अंधे हैं ।
संसार में कोई किसी का नही, सब अपने ही स्वार्थ के अंधे हैं ।
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
चित्रकार की खूबसूरती
चित्रकार की खूबसूरती
Ritu Asooja
कुछ तो नहीं था
कुछ तो नहीं था
Kaviraag
शेर-
शेर-
*प्रणय*
तीसरी आंख को समझने के सरल तरीके, और जागृत कैसे करें, लाभ व उद्देश्य। रविकेश झा
तीसरी आंख को समझने के सरल तरीके, और जागृत कैसे करें, लाभ व उद्देश्य। रविकेश झा
Ravikesh Jha
दिल से सुंदर होना जरूरी है,
दिल से सुंदर होना जरूरी है,
Kanchan Alok Malu
जा रहे हो तुम अपने धाम गणपति
जा रहे हो तुम अपने धाम गणपति
विशाल शुक्ल
जमाना तो डरता है, डराता है।
जमाना तो डरता है, डराता है।
Priya princess panwar
अभिव्यक्ति
अभिव्यक्ति
लक्ष्मी सिंह
मैं तो अकर्मण्य हूँ
मैं तो अकर्मण्य हूँ
Varun Singh Gautam
Learn to recognize a false alarm
Learn to recognize a false alarm
पूर्वार्थ
जो बरसे न जमकर, वो सावन कैसा
जो बरसे न जमकर, वो सावन कैसा
Suryakant Dwivedi
🌸 आने वाला वक़्त 🌸
🌸 आने वाला वक़्त 🌸
Mahima shukla
आंखो के सपने और ख्वाब
आंखो के सपने और ख्वाब
Akash RC Sharma
सुबह की एक कप चाय,
सुबह की एक कप चाय,
Neerja Sharma
देह से देह का मिलन दो को एक नहीं बनाता है
देह से देह का मिलन दो को एक नहीं बनाता है
Pramila sultan
बेचारे नेता
बेचारे नेता
गुमनाम 'बाबा'
3707.💐 *पूर्णिका* 💐
3707.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
भगतसिंह के वापसी
भगतसिंह के वापसी
Shekhar Chandra Mitra
न जाने कहा‌ँ दोस्तों की महफीले‌ं खो गई ।
न जाने कहा‌ँ दोस्तों की महफीले‌ं खो गई ।
Yogendra Chaturwedi
"इतिहास"
Dr. Kishan tandon kranti
*सेब (बाल कविता)*
*सेब (बाल कविता)*
Ravi Prakash
अब क्या करोगे मेरा चेहरा पढ़कर,
अब क्या करोगे मेरा चेहरा पढ़कर,
Jyoti Roshni
Loading...