वक़्त की पुकार
देश को तुम्हारी
ज़रूरत है,
तुम कहां हो,
साथी!
खुलकर सामने
आ जाओ,
तुम जहां हो,
साथी!!
सभी जलते हुए
सवालों पर
जद्दोजेहद
करने के लिए!
तुम्हें ढूंढ़ रहे हैं
सब वहां,
तुम यहां हो,
साथी!!
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