Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
0
Notifications
Settings
Nitesh Chauhan
1 Follower
Follow
Report this post
13 Jul 2024 · 1 min read
वक़्त की ऐहिमियत
वक़्त वक़्त पर ही वक़्त बीत जाने के बाद वक़्त
की ऐहिमियत समझ आती हैं|
Language:
Hindi
Tag:
कविता
,
ग़ज़ल
,
दोहा
,
बाल कविता
,
शेर
Like
Share
2 Likes
· 130 Views
Share
Facebook
Twitter
WhatsApp
Copy link to share
Copy
Link copied!
You may also like these posts
यूं बातें भी ज़रा सी क्या बिगड़ गई,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
गरीब की आरजू
Neeraj Agarwal
रमेशराज के त्योहार एवं अवसरविशेष के बालगीत
कवि रमेशराज
Har Ghar Tiranga : Har Man Tiranga
Tushar Jagawat
चेहरे की तलाश
Jeewan Singh 'जीवनसवारो'
मैंने प्रेम किया और प्रेम को जिया भी।
लक्ष्मी सिंह
आँखों से नींदे
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
सुकून
इंजी. संजय श्रीवास्तव
प्रेरणा और पराक्रम
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
रक्षाबंधन के शुभअवसर में "सोज" के दोहे
Priyank Khare
युग बदल गया
Rajesh Kumar Kaurav
यूँ तो इस पूरी क़ायनात मे यकीनन माँ जैसा कोई किरदार नहीं हो
पूर्वार्थ
खुला खत नारियों के नाम
Dr. Kishan tandon kranti
कामवासना मन की चाहत है,आत्मा तो केवल जन्म मरण के बंधनों से म
Rj Anand Prajapati
*चले गए पूर्वज जो जग से, कैसे उनको पाऍं (गीत)*
Ravi Prakash
“बसता प्रभु हृदय में , उसे बाहर क्यों ढूँढता है”
Neeraj kumar Soni
उल्फ़त .में अज़ब बात हुआ करती है ।
sushil sarna
मां की जिम्मेदारी
Shutisha Rajput
*तेरा इंतजार*
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
"Radiance of Purity"
Manisha Manjari
हे राम! तुम्हें शिरसा प्रणाम
अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’
जो व्यक्ति रथयात्रा में रथ पर विराजमान श्री कृष्ण, बलराम और
Shashi kala vyas
3664.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
जय श्री राम
Mahesh Jain 'Jyoti'
मन बहुत चंचल हुआ करता मगर।
surenderpal vaidya
🌻 गुरु चरणों की धूल🌻
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
पतंग.
Heera S
आपकी आहुति और देशहित
Mahender Singh
साहित्य में बढ़ता व्यवसायीकरण
Shashi Mahajan
*राम मेरे तुम बन आओ*
Poonam Matia
Loading...