वक़्त का वक्त
क्या हो गया है
क्यूँ हमारा अहम
इतना बड़ा हो गया है
कि हम अपने को
विधाता समझने लगते हैं
अच्छे वक्त में हुई
हर अच्छी बात का
श्रेय
अपने को देते हैं
नहीं समझते कि
ये वक्त ही है जिसने
आपको अवसर दिया है
हमने उसके लिए
बहुत ही कम किया है
वर्ना बड़े -बड़े ज्ञानी
बहुत प्रयास करने
वाले भी
यूँ ही खो जाते है
और फिर
वक्त की चादर
ओढ़ कर सो जाते है
डॉ निशा वाधवा