Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
17 Jul 2017 · 1 min read

वंदे मातरम

माँ युद्धभूभि में घूमती।
राक्षसों सें कभी नहीं डरती ।
गरजतेहुये सिंहों से कभी डरो नहीं,
वीरों शक्ति से सामना करो।।.

कभी कायरता अपनाओं नही।
बढ़ो दुश्मनो का सामना करो।
देशको तुझपे नाजहैै सदा.,
यही वीरों की पहचानसदा।।

वंदेमारयका नारा लगाते चलो।
माँभारती का गुणगानगाते चलो।।
कदमों से कदम सदा बढ़ाते चलो।
शेरनी जैसे सदा हुंकारते चलो।।

Language: Hindi
315 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
* कुण्डलिया *
* कुण्डलिया *
surenderpal vaidya
भगवावस्त्र
भगवावस्त्र
Dr Parveen Thakur
माँ की एक कोर में छप्पन का भोग🍓🍌🍎🍏
माँ की एक कोर में छप्पन का भोग🍓🍌🍎🍏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
मैं मगर अपनी जिंदगी को, ऐसे जीता रहा
मैं मगर अपनी जिंदगी को, ऐसे जीता रहा
gurudeenverma198
"जलेबी"
Dr. Kishan tandon kranti
कुछ तो याद होगा
कुछ तो याद होगा
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
मोरनी जैसी चाल
मोरनी जैसी चाल
Dr. Vaishali Verma
*अज्ञानी की कलम शूल_पर_गीत
*अज्ञानी की कलम शूल_पर_गीत
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी
कुछ राज़ बताए थे अपनों को
कुछ राज़ बताए थे अपनों को
Rekha khichi
कांग्रेस की आत्महत्या
कांग्रेस की आत्महत्या
Sanjay ' शून्य'
3096.*पूर्णिका*
3096.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
शिक्षा का महत्व
शिक्षा का महत्व
Dinesh Kumar Gangwar
*हैं जिनके पास अपने*,
*हैं जिनके पास अपने*,
Rituraj shivem verma
तुम क्या हो .....
तुम क्या हो ....." एक राजा "
Rohit yadav
बावला
बावला
Ajay Mishra
चेहरा और वक्त
चेहरा और वक्त
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
दिनांक:-२३.०२.२३.
दिनांक:-२३.०२.२३.
Pankaj sharma Tarun
*जिंदगी में जब मिले सुख-दुख पिता की याद आई (गीत )*
*जिंदगी में जब मिले सुख-दुख पिता की याद आई (गीत )*
Ravi Prakash
पर्यायवरण (दोहा छन्द)
पर्यायवरण (दोहा छन्द)
नाथ सोनांचली
*माॅं की चाहत*
*माॅं की चाहत*
Harminder Kaur
किसी की छोटी-छोटी बातों को भी,
किसी की छोटी-छोटी बातों को भी,
नेताम आर सी
लड़ते रहो
लड़ते रहो
Vivek Pandey
गुज़िश्ता साल
गुज़िश्ता साल
Dr.Wasif Quazi
#छोटी_सी_नज़्म
#छोटी_सी_नज़्म
*Author प्रणय प्रभात*
बहुत मशरूफ जमाना है
बहुत मशरूफ जमाना है
नूरफातिमा खातून नूरी
Bato ki garma garmi me
Bato ki garma garmi me
Sakshi Tripathi
प्रतिध्वनि
प्रतिध्वनि
Er. Sanjay Shrivastava
शीर्षक-मिलती है जिन्दगी में मुहब्बत कभी-कभी
शीर्षक-मिलती है जिन्दगी में मुहब्बत कभी-कभी
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
हम सृजन के पथ चलेंगे
हम सृजन के पथ चलेंगे
Mohan Pandey
अब युद्ध भी मेरा, विजय भी मेरी, निर्बलताओं को जयघोष सुनाना था।
अब युद्ध भी मेरा, विजय भी मेरी, निर्बलताओं को जयघोष सुनाना था।
Manisha Manjari
Loading...