वंदन
रोज सवेरे उठ कर हम
प्रभु का वंदन करते हैं।
वो सबका पालनहारा है
उसका अभिनंदन करते हैं।।
उगते सूरज को देख सभी
सूर्य नमस्कार करते हैं।
कितनी प्यारी सुबह हमारी
लालिमा को प्यार करते हैं।।
स्नान, ध्यान और योगा ही
जीवन की मुस्कान बने हैं।
रोग कोई ना छू पाता है
ये ही जीने का सामान बने हैं।।
हाथ जोड़ कर अभिवादन करना
भारत की यही संस्कृति है।
बड़ों का सम्मान छोटों को प्यार
भारतीयों की यही नीति है।।
पढ़ने वालों को मेरी तरफ से
हाथ जोड़ कर नमस्कार है।
चेहरे पर आपके मुस्कान आना
यही तो आपका सच्चा प्यार है।।
वीर कुमार जैन ‘अकेला’
05 अक्टूबर 2021