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25 Feb 2021 · 1 min read

वंदन करो वंदन करो

मैं प्रतीक तुम्हारे शान की
तुम न मेरा अपमान करो
बांटकर मेरे रंगों को अलग-अलग
धूमिल न मेरा मान करो।
बस मुझ पर अभिमान करो
वंदन करो, वंदन करो….

मेरे खातिर वीर जो हुए कुर्बान
बस उनको भी तो करो
बड़ी मुश्किल से मिली है आजादी
आजादी का सम्मान करो।
बस मुझ पर अभिमान करो
वंदन करो, वंदन करो…

आपसी बैर भाव सब भूलकर
एकता का आधान करो
निज स्वार्थ से ऊपर है देशहित
मिलकर ये आह्वान करो।
बस मुझ पर अभिमान करो
वंदन करो,वंदन करो…

धूमिल न होने पाए रंग मेरा कभी
इतना सा बस एहसान करो
मैं सदा लहराता रहूँगा
तुम वतन का जयगान करो।
बस मुझ पर अभिमान करो
वंदन करो,वंदन करो…

डॉ मंजु सैनी

Language: Hindi
1 Like · 288 Views
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