वंदना
विनायक वंदना
गणपति जी के द्वादश नामा।
शुरू करें जपकर हर कामा।।
नाम विनायक उनमें एका।
सुमिरन करते जगे विवेका।
सुमुख कपिल एकदंत गजानन।
धूम्रकेतु विकट विघ्ननाशन।।
गजकर्णक लम्बोदर कहते ।
गणाध्यक्ष बन शासन करते ।।
भालचन्द्र तन तेज विराजे ।
द्वादश नाम जपत प्रभु राजे।।
महिमा सब वेदों ने गाई।
राज काज मंगल हो जाई।।
गृह आरम्भ विवाह उछाहू।
विद्या शुभ पूजन हो काहू।।
सभी कार्य हित सुमिरन करना।।
तब निर्विघ्न ध्यान में रखना। ।।
राजेश कौरव सुमित्र