लड़की
लघुकथा
लड़की
“”””””””””
“माँ, सोनू की मम्मी बहुत बुरी हैं। उन्होंने रामू, श्यामू, चंदर, शुभम, रूपम और मुहल्ले के कई बच्चों को संतोषी माता के उद्यापन का भोजन कराने के लिए बुलाया है। उन्होंने मुझे क्यों नहीं बुलाया है माँ ? आप तो नवरात्रि में उनके बच्चों को बुलाती हैं।” परी ने बाल सुलभ जिज्ञासा के मम्मी से पूछा।
मम्मी ने उसे समझाते हुए कहा, “बेटा, तुम लड़की हो ना, इसलिए तुम्हें नहीं बुलाया। संतोषी माता के उद्यापन में सिर्फ़ लड़कों को बुलाया जाता है।”
कुछ सोच कर परी बोली, “संतोषी माता बहुत बुरी रही होंगी माँ। जब वे खुद माँ हैं, तो उन्होंने क्यों लडकियों को नहीं बुलाने का नियम बनाया।”
इस बार माँ को कोई उत्तर नहीं सूझ रहा था।
-डॉ. प्रदीप कुमार शर्मा
रायपुर, छत्तीसगढ़
09827914888
09098974888
07049590888